महिला T20 वर्ल्ड कप : वेस्टइंडीज पर भारत की जीत के चार मजबूत स्तम्भ

महिला T20 वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान को हराने के बाद वेस्ट इंडीज को भी हरा दिया है

भारतीय महिला क्रिकेट टीम T20 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन कर रही है, वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए इस मैच में कुछ खिलाडियों ने उम्दा प्रदर्शन किया और टीम को एक महत्वपूर्ण जीत दिलाई।

मैच के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस मुक़ाबले में शानदार प्रदर्शन करने वाली खिलाडियों की चर्चा की। आइये जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हरमनप्रीत कौर

वेस्टइंडीज ने पहले बैटिंग करते हुए 118 रन बनाये थे। इसके जवाब में भारतीय टीम ने बहुत तेज शुरुवात की ,लेकिन जब तेजी से विकेट गिरने लगे तो भारतीय कप्तान मैदान पर खेलने के लिए आयी।

गेंदों को समझते हुए शुरुआती 9 गेंदों पर हरमनप्रीत ने केवल दो रन बनाए. इसके बाद अचानक ही अपना गियर बदलते हुए वो आक्रामक हो गईं और लगातार दो चौके जड़ दिए. मैच के इस 9वें ओवर में भारत ने 16 रन जुटाए।

वेस्ट इंडीज़ की जो स्पिन गेंदबाज़ कुछ देर पहले टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों पर हावी हो रही थीं, अचानक उनकी धार कमजोर होने लगी और मैच से उनकी पकड़ ढीली होती गई, तो इसकी वजह हरमनप्रीत ही थीं।

कमेंटरी बॉक्स में बैठी भारत की पूर्व कप्तान मिताली राज ने भी हरमनप्रीत कौर की बल्लेबाज़ी की जम कर तारीफ़ की, उन्होंने कहा, “हरमनप्रीत स्पिन की बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक हैं”।

दीप्ति शर्मा ने बनाया इतिहास

वेस्ट इंडीज़ ने मैच में टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी की , लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने दूसरे ही ओवर में कप्तान हेली मैथ्यूज़ को आउट कर दिया।

इसके बाद शिमेन कैम्बल और स्टेफ़नी टेलर ने पिच पर जमकर बल्लेबाजी की और अर्धशतकीय साझेदारी की।

इस जोड़ी को तोड़ कर इस मैच में भारत के जीत की नींव को दीप्ति शर्मा ने मजबूत किया।

उन्होंने मैच के 14वें ओवर में शिमेन कैम्बल और ओपनर स्टेफ़नी टेलर का विकेट झटक कर वेस्ट इंडीज़ को जो झटका दिया उससे कैरिबियाई टीम उबर ही नहीं पाई।

इतना ही नहीं दीप्ति शर्मा ने मैच के आख़िरी ओवर में भी विकेट लिए और इस दौरान उन्होंने एक ऐतिहासिक कारनामा भी कर डाला।

दीप्ति अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में भारत की ओर से 100 विकेट लेने वाली पहली क्रिकेटर बन गई हैं। अब तक कोई पुरुष खिलाड़ी भी ऐसा नहीं कर सका।

इस मैच से पहले दीप्ति के 97 विकेट थे और वो विकेट के मामले में पूनम यादव के 98 विकेट के बाद दूसरे नंबर पर थीं।

इस मैच में हर एक विकेट के साथ वो एक रिकॉर्ड बनाती चली गईं।

पहले उन्होंने पूनम यादव के रिकॉर्ड की बराबरी की, फिर उनके रिकॉर्ड को तोड़ा और फिर 100 विकेट ले कर इतिहास बना डाला।

पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड युजवेंद्र चहल के नाम (91 विकेट) है, वहीं दूसरे पायदान पर (90 विकेट के साथ) भुवनेश्वर कुमार हैं।

दीप्ति ने अपने चार ओवरों में 15 रन देकर तीन विकेट लिए और ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ चुनी गईं।

दीप्ति शर्मा मैच में अपने प्रदर्शन पर बोलीं, “टीम मीटिंग में हमने जो प्लान किया था , मैंने वैसा ही किया और नतीजे से बहुत ख़ुश हूं, ये एक टर्न लेती पिच थी जिससे मेरी गेंदबाज़ी को काफ़ी मदद मिली. मैं स्टंप टू स्टंप गेंदबाज़ी में विश्वास रखती हूं.”

अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में 100 विकेट पूरा करने पर दीप्ति बोलीं, “ये बड़ी कामयाबी है. लेकिन इसे एक किनारे पर रख कर मैं वर्ल्ड कप के आगे के मुक़ाबलों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूँ”।

ऋचा घोष कम्पलीट मैच फिनिशर

जब जल्दी-जल्दी विकेट गिर रहे थे तो जहां कप्तान हरमनप्रीत ने एक छोर संभाला तो दूसरे छोर से उनका साथ दे रही थीं ऋचा घोष।

ये वही ऋचा घोष हैं जिन्हें इस टूर्नामेंट में न तो पाकिस्तान के और न ही वेस्ट इंडीज़ के गेंदबाज़ आउट कर सके हैं।

दो मैचों के बाद ऋचा टीम इंडिया की ओर से इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक स्कोर करने वाली क्रिकेटर भी बन चुकी हैं ,उनका स्ट्राइट रेट भी किसी अन्य भारतीय बल्लेबाज़ से कहीं आगे है।

ऋचा ने अब तक आउट हुए बग़ैर 75 रन बनाए हैं और इस दौरान उनके बल्ले से 144.23 के स्ट्राइक रेट से रन निकले हैं।

ये तो महज़ आंकड़े हैं जो ऋचा की बल्लेबाज़ी का गुणगान कर रहे हैं। इन सबसे ऊपर जो सबसे बड़ा किरदार ऋचा ने इन दो पारियों के दौरान निभाया है वो है ज़िम्मेदार खिलाडी का , उन्होंने अपने कंधों पर टीम की जीत की ज़िम्मेदारी उठाई है।

टूर्नामेंट से पहले इस बात की ख़ूब चर्चा थी कि ऋचा घोष मैच फ़िनिशर बनना चाहती हैं,अब टी20 वर्ल्ड कप के दो मैच हो चुके हैं और ऋचा बख़ूबी मैच फ़िनिशर बन कर उभरी हैं।

वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ ऋचा जब पिच पर आईं तब शेफ़ाली वर्मा के रूप में भारत का तीसरा विकेट गिरा था।

भारत के शुरुआती तीन विकेट क्रमशः 32 रन, 35 रन और 43 रन पर आउट हुए थे, 12 रन के अंतराल पर तीन विकेट गंवा कर टीम तब दबाव में थी।

यहां से ऋचा ने कप्तान हरमप्रीत कौर के साथ 72 रनों की साझेदारी निभाई और अंत तक नॉट आउट रहीं।

रन मशीन शेफ़ाली वर्मा

निश्चित तौर पर कप्तान हरमनप्रीत कौर और ऋचा घोष ने टीम की जीत में एक बड़ा किरदार निभाया, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ी को तेज़ शुरुआत दी शेफ़ाली वर्मा ने।

उनकी तेज़ बल्लेबाज़ी की बदौलत भारत ने पहले ओवर में 14 तो दूसरे ओवर की समाप्ति पर 28 रन बना लिए थे,इस दौरान पहले ओवर में शेफ़ाली ने तीन चौके भी जड़े।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी शेफ़ाली ने तेज़ शुरुआत दी थी और 33 रनों की अपनी पारी के दौरान उन्होंने 9 ओवरों तक एक छोर से विकेट संभाले रखा।

हाल ही में अपनी कप्तानी में भारत को अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप जिताने वाली शेफ़ाली से आगे भी बहुत उम्मीद हैं, बतौर ओपनर वो स्मृति मंधाना के साथ टीम को एक ठोस शुरुआत दें तो भारत के लिए आगे के मुक़ाबले भी आसान हो सकते हैं।